केंद्र सरकार की सेवा भोज योजना Seva Bhoja Yojana

केंद्र सरकार की सेवा भोज योजना Seva Bhoja Yojana

सेवा भोज योजना

संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) ने धार्मिक संस्थानों के वित्तीय बोझ को कम करने के -लिए सेवा भोज योजना शुरुआत की है | इस योजना के तहत, केंद्र सरकार धार्मिक स्थानों में लंगर पर लगाने वाले सामानों पर माल और सेवा कर/Goods and Service Tax (GST) माफ़ कर देगी | ऐसे सभी संगठनों को Darpan पोर्टल https://ngodarpan.gov.in/ पर ऑनलाइन पंजीकरण करने की आवश्यकता है | Union Govt. ने वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए 325 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रावधान रखा है |

केंद्र सरकार सेवा भोज योजना के तहत घी, खाद्य तेल, आटा / मैदा / आटा, चावल, दालें, चीनी, बुरा जैसे कच्चे माल की खरीद पर सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स/ Central Goods and Services Tax (CGST) और इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स /Integrated Goods and Service Tax (IGST) की प्रतिपूर्ति करेगी | केंद्र सरकार उन सभी चैरिटेबल धार्मिक संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा जो बिना किसी भेदभाव के लोगों/भक्तों को नि: शुल्क भोजन/प्रसाद/लंगर/भंडारा प्रदान करते हैं |

सेवा भोज योजना के लिए registration कैसे करें:-

सर्वप्रथम आवेदक को आधिकारिक वेबसाइट https://ngodarpan.gov.in/ पर जाना होगा |
इसके पश्चात Homepage पर, “Login/Register” टैब पर क्लिक करें |
जिसके पश्चात सेवा भोज योजना 2018 (Seva Bhoj Yojana 2018) का पंजीकरण फॉर्म निम्नानुसार दिखाई देगा |

यहां संस्थानों को सही विवरण दर्ज करना होगा और पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए “SUBMIT” बटन पर क्लिक करना होगा |
एक विशेष समिति संस्थानों से प्राप्त आवेदनों की 4 सप्ताह के भीतर जांच करेगी | सिफारिश के आधार पर, मंत्रालय की सक्षम प्राधिकारी CGST claim और IGST के केंद्रीय सरकार के हिस्से की प्रतिपूर्ति के लिए चैरिटेबल धार्मिक संस्थानों को पंजीकृत करेगी |

सेवा भोज योजना के लिए पात्रता मापदंड:-

सभी मंदिर / मस्जिद / गुरुद्वारा / चर्च / धर्मिक आश्रम / दरगाह / मठ / मोनैस्ट्री जो कम से कम 5 वर्षों से अस्तित्व में हैं |
एक महीने में कम से कम 5000 लोगों को भोजन की सेवा प्रदान करने वाले धार्मिक संस्थान |
आयकर अधिनियम की धारा 10 (23 BBA) के तहत शामिल संस्थान या सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट / Societies Registrations Act (XXI od 1960) के तहत सोसाइटी के रूप में पंजीकृत संस्थान या आयकर अधिनियम की धारा 12AA के तहत पंजीकृत एक सार्वजनिक ट्रस्ट या संस्थान पात्र होंगे |

विभिन्न धार्मिक स्थानों में होने वाले सभी लंगर/भंडारा अब केंद्र सरकार से refund प्राप्त करेंगे | सुखबीर सिंह बादल, हरसिमरत कौर बादल जैसे विभिन्न मंत्री इस निर्णय के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और श्री अमित शाह का धन्यवाद किया हैं |

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